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📌 DA (महंगाई भत्ता) बढ़ने से जानिए अब कितनी बढ़ जाएगी आपकी सैलरी ..

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केंद्र सरकार ने करीब 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनर्स को आज बड़ी राहत दी है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया है. पेंशनर्स के लिए डियरनेस रिलीफ (DR) की बहाली करने का भी निर्णय लिया गया है. यह 1 जुलाई, 2021 से लागू होगा. पिछले महीनों पर नहीं लागू होगी: केंद्र सरकार के कर्मचारियों की डीए की तीन किस्तें मिलनी बाकी थीं. कोरोना महामारी के कारण सरकार ने डीए पर रोक लगा दी थी. इसी तरह पेंशनर्स के डीआर की किस्तों का भुगतान भी नहीं हुआ. कर्मचारियों और पेंशनर्स का 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 का डीए और डीआर पेंडिंग है. लेकिन सरकार ने कहा है कि बढ़ी हुई दर जुलाई 2021 से लागू होगी और पिछले बकाया पर यह लागू नहीं होगा. यानी आज की डेट से आगे के लिए 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दे दिया जाएगा. महंगाई भत्ता (डीए) देने का निर्णय  अब केंद्र सरकार ने अपने 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता (डीए) देने का निर्णय लिया है. सरकार, डीए (Dearness Allowance) क

प्राइवेट स्कूलों की व्यथा

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प्राईवेट स्कूलों की व्यथा :-  अभिभावकों ने एक नारा दिया है- NO SCHOOL NO FEES ।।  आपने ख्याल किया होगा, जब गाय  दूध नहीं दे रही होती,  तब भी उसको चारा डाला जाता  है ताकि गाय जीवित  रहे ,वह आने वाले समय म़े फिर दूध देगी।क्योंकि जो पूज्य होते हैं उनका ध्यान रखा जाता है,अपना स्वार्थ नही देखा जाता,अब सबके सामने जिंदा रहने का सवाल है। स्कूल प्रबंधन का अर्थ सिर्फ स्कूल मालिक नहीं है। हर स्कूल में टीचर, ड्राइवर, चपरासी, अकाउंटेंट, कम्प्यूटर ऑपरेटर मिलाकर 20 से 100 का स्टाफ हो जाता है। राज्य में कई हजार निजी स्कूल हैं, जिनमें करीब 400000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। सभी परिवारों को 2 माह से वेतन भी दिया जा रहा है क्योंकि वह स्कूलों की ज़िम्मेदारी है,अब यदि यह उनकी ज़िम्मेदारी है तो क्या आपका दायित्व यह नही बनता की आप जो लोग आपके बच्चो को शिक्षा देते हैं उनका ध्यान आप भी रखें, यदि फीस जमा नही होगी तो स्कूल खर्चे कहां से निकलेगा,  हर स्कूल औसतन  2 से 10 लाख रुपये वेतन पर खर्च करता है। ज्यादातर स्कूलों में बसें लोन पर हैं। लेकिन किश्तों में कोई माफी नहीं है। बिजली बिल माफ नहीं हैं। और क

बच्चो को पढ़ने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास

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बच्चों को घर पर पढ़ाने का अनोखा तरीका ?  आज के समय में बच्चों को पढ़ाना है या कुछ सिखाना कोई बड़ी बात तो नहीं है क्योंकि आजकल के बच्चे पहले से ही इतने सीखे हुए और समझे हुए होते हैं कि उन्हें कुछ भी बताना और सिखाना उसमें जरा भी टाइम नहीं लगता है। वैसे तो बच्चों को बहुत कुछ आता है लेकिन कितना सही कितना गलत आता है इस बात की पूरी जिम्मेदारी छोटे बच्चों के माता-पिता और उनके अध्यापकों की होती है। तो एक बच्चे के भविष्य के निर्माण में सबसे अधिक महत्वपूर्ण योगदान उसके अध्यापक और माता-पिता का होता है तो आप अपने बच्चे को किस तरह से बेहतर सिखा सकते हैं और किस तरह बच्चों का ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित किया जा सकता है आज हम कुछ  ऐसे ही आसान और जरूरी टिप्स आपको बताने वाले हैं। दिल  जीते :-  छोटे बच्चे अक्सर उन्हीं से बातचीत कर पाते हैं जो व्यक्ति उनके दिल को छू जाते हैं और उन्हें पसंद आने लगते हैं। छोटे बच्चों का दिल बहुत ही कोमल होता है वह जल्दी से किसी से दोस्ती नहीं करते हैं और एक बार यदि दोस्ती कर ले तो उसके साथ बहुत ज्यादा घुल मिल जाते हैं और उसकी हर बात मानते हैं। इसी छोटे बच्चों को

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